राहें कठिन अजानी
संघर्षो की अकथ कहानी
लेकिन मैंने हार न मानी
आशाओं के व्योम अनंतिम
स्वप्नों का ढह जाना दिन दिन
संबंधों के ताने बाने
नातों का अपनापा पल छिन
क्रूर थपेड़े संघर्षों के
दुर्दिन की मनमानी,
लेकिन मैंने हार न मानी
दूर क्षितिज तक अनगिन राहें
अनबूझी सी फैली फैली
लक्ष्य कुहासे जैसा धूमिल
सभी दिशाएँ मैली मैली
कभी समय से टक्कर ली तो
कभी भाग्य से ठानी
लेकिन मैंने हार न मानी
लिए तकाज़े नए नए नित
समय खड़ा था सांझ सकारे
दुनिया के, मनके, भावों के
किसके किसके क़र्ज़ उतारे
बिखरा बिखरा बचपन देखा
टूटी हुई जवानी …..
लेकिन मैंने हार न मानी
कुछ भावों के अश्रु निचोड़े
मनुहारों के धागे जोड़े
टूटे छंद बंद रिश्तों के
जोड़े कुछ तोड़े कुछ छोड़े
निश-दिन के ताने बाने में
बुनती गई कहानी
लेकिन मैंने हार न मानी
यार मिले तो यारी कर ली
दुःख की साझेदारी कर ली
ये न हुआ पर गद्दारों से
मौके पर गद्दारी कर ली
औरों को माफ़ी दे दी
पर अपनी गलती मानी
मैंने तम से हार न मानी
आँखें नम थी पर मुस्काए
रुंधे गले से गीत सुनाये
शब्दों की माला पहनाई
रस छंदों के दीप जलाए
प्रभु को हंस कर किये समर्पित
नयनों निर्झर पानी
लेकिन मैंने हार न मानी
9 comments:
बहुत सुन्दर रचना ..जीवन पथ पर वही आगे बढ़ सकता है जो हार न माने ...
कृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
आपने अपने ब्लॉग कि सेट्टिंग में वयस्कों के लिए किया हुआ है ...इसलिए आपके ब्लॉग पर लोग नहीं आते ... उसकी सेट्टिंग में जा कर बदल सकते हैं ..
good one ....
बहुत सुन्दर ....
सच्चा विजेता वही बनता है जो कभी जिन्दगी में हार न माने |
प्रवाहमयी, लयबद्ध सार्थक रचना ....
आँखें नम थी पर मुस्काए
रुंधे गले से गीत सुनाये
शब्दों की माला पहनाई
रस छंदों के दीप जलाए
प्रभु को हंस कर किये समर्पित
नयनों निर्झर पानी
लेकिन मैंने हार न मानी
बहुत ही सुंदर रचना है आपकी ......!!
सरल सकारात्मक जीवन समझती हुई .......!!
बधाई एवं शुभकामनायें ....|
lekin maine haar nhi maani... bhut khubsurat title aur rachna hai...
सुन्दर
bahut khoob......jeevan me wahi aage bad sakta hai jo mushkilo se haar na manne
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