Tuesday, December 30, 2008

) इन्सान अपनी तौहीन माफ़ कर सकता है भूल नही सकता।

) कभी गिरना कमाल नही, बल्कि गिर के संभल जाना कमाल है!


) "जिसका वास्ता खुदा के साथ हो वो नाकाम नही होता "
नाकाम वो होता है जिसकी उम्मीदें दुनिया से वास्ता रखती हों

) दो तरह से चीज़ें देखने में छोटी नजर आती हैं
एक दूर से ............
और
दूसरा गुरूर से .........

) अपने दुश्मन को हजार मौका दो कि वो तुम्हारा दोस्त बन जाए
लेकिन...........
अपने दोस्त को एक भी मौका दो कि वो तुम्हारा
दुश्मन बन जाए।

) मैं बड़ों कि इज्जत इसलिए करता हूँ कि उनकी नेकियाँ (अच्छाई)
मुझसे ज्यादा है और
छोटों से प्यार इसलिए करता हूँ कि उनके गुनाह मुझसे कम हैं।

) लोगों को उसी तरह माफ़ करो जैसे तुम 'खुदा' से उम्मीद रखते हो कि वो तुम्हे 'माफ़' करेगा।


) खुशमिजाजी हमेशा खुबसूरती कि कमी को पुरा कर देती है।
इसलिए सदा मुस्कुराते रहिये!

) "जिस व्यक्ति के अच्छे दोस्त हो वो कभी गरीब नही होता।"

विजय राजभर

Thursday, December 18, 2008

शायरी

शायरी


कैसे कहूं मैं तुमसे , अपने इस दिल की बात,
हिम्मत तो की इतनी, लबों ने ने पर दिया साथ
अपनी यह चाहत ले कर, करूँ मैं अब तुमसे क्या इजहार,
दिन तो कट जाते हैं कटती नही यह रात
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क्या पता तुम्हे इस दिल की हालत,
जिस की सागर की गहराई तक सिर्फ़ तुम हो
क्या जानो मेरी दीवानगी और जूनून,
के तुम इतनी दूर होते हुए भी,
दिल के बहुत करीब हो
*************

कुछ गुस्सा, कुछ नखरा, कुछ इल्तिजा भी है आपकी,
हम से रूठना, हमे सताना,
तड़पाने की अदा भी है आपकी
हर बात पे हँसना, हर पल मुस्कुराना,
हर बातों से दिल धडकाना
अपनी शर्मीली नजरों से, सुर्ख होठों से,
हर साँसों को चूम लेना
क्या क्या करे यह दिल अफसाने बयां आपके ,
आप मसीहा -- इश्क हैं,
यह बन्दा खादिम है सिर्फ़ आपका

विजय राजभर