१) इन्सान अपनी तौहीन माफ़ कर सकता है भूल नही सकता।
२) कभी न गिरना कमाल नही, बल्कि गिर के संभल जाना कमाल है!
३) "जिसका वास्ता खुदा के साथ हो वो नाकाम नही होता "
नाकाम वो होता है जिसकी उम्मीदें दुनिया से वास्ता रखती हों ।
४) दो तरह से चीज़ें देखने में छोटी नजर आती हैं
एक दूर से ............
और
दूसरा गुरूर से .........
५) अपने दुश्मन को हजार मौका दो कि वो तुम्हारा दोस्त बन जाए
लेकिन...........
अपने दोस्त को एक भी मौका न दो कि वो तुम्हारा
दुश्मन बन जाए।
६) मैं बड़ों कि इज्जत इसलिए करता हूँ कि उनकी नेकियाँ (अच्छाई)
मुझसे ज्यादा है और
छोटों से प्यार इसलिए करता हूँ कि उनके गुनाह मुझसे कम हैं।
७) लोगों को उसी तरह माफ़ करो जैसे तुम 'खुदा' से उम्मीद रखते हो कि वो तुम्हे 'माफ़' करेगा।
८) खुशमिजाजी हमेशा खुबसूरती कि कमी को पुरा कर देती है।
इसलिए सदा मुस्कुराते रहिये!
९) "जिस व्यक्ति के अच्छे दोस्त हो वो कभी गरीब नही होता।"
विजय राजभर
Tuesday, December 30, 2008
Thursday, December 18, 2008
शायरी
शायरी
कैसे कहूं मैं तुमसे , अपने इस दिल की बात,
हिम्मत तो की इतनी, लबों ने ने पर न दिया साथ।
अपनी यह चाहत ले कर, करूँ मैं अब तुमसे क्या इजहार,
दिन तो कट जाते हैं कटती नही यह रात।
**************
क्या पता तुम्हे इस दिल की हालत,
जिस की सागर की गहराई तक सिर्फ़ तुम हो।
क्या जानो मेरी दीवानगी और जूनून,
के तुम इतनी दूर होते हुए भी,
दिल के बहुत करीब हो।
*************
कुछ गुस्सा, कुछ नखरा, कुछ इल्तिजा भी है आपकी,
हम से रूठना, हमे सताना,
तड़पाने की अदा भी है आपकी ।
हर बात पे हँसना, हर पल मुस्कुराना,
हर बातों से दिल धडकाना ।
अपनी शर्मीली नजरों से, सुर्ख होठों से,
हर साँसों को चूम लेना ।
क्या क्या करे यह दिल अफसाने बयां आपके ,
आप मसीहा -ऐ- इश्क हैं,
यह बन्दा खादिम है सिर्फ़ आपका।
विजय राजभर
Tuesday, November 18, 2008
एहसास
तुम्हारे आने पे ये एहसास हुआ है
की हमको तुमसे प्यार हुआ है
ये अरमान दिल में पहली बार हुआ है
थाम लो हाथ अब मेरा, ऐसा दिल बेकरार हुआ है
शिद्दत से तुम्हारा इंतज़ार हुआ है
बीत जाए तुम्हारे संग, दूर रहना तुमसे अब दुश्वार हुआ है
मोहब्बत बहुत सच्ची है यह तुमसे यकीन हुआ है
ख़ूबसूरत ज़िन्दगी का नज़ारा तुम्ही से हुआ है
प्यार का मौसम सारी ओर छाया हुआ है
जैसे हर पल खुशियों से भरा हुआ है
फरिश्तों का जिक्र कहानियों में सुना हुआ है
तुमसे मिलकर फरिश्तों का दीदार हुआ है
प्यार के अमन ओ चैन में कबीर खोया हुआ है
अब तुम्हे पाने को दिल बेताब हुआ है
आज एक जाम
क्यों न आज एक जाम तेरे नाम हो जाए
तेरी बेवफाई के किस्से सर-ऐ-आम हो जाए।
इतना जो गुरूर है तुझे ख़ुद पे ऐ जालिम
तू भी सबके नज़र में बदनाम हो जाए ।
मैं गर झूठा हूँ मुझे मौत आ जाए
तुझमें कमी हो तू तमाम हो जाए।
दुआ है 'कबीर' की आज खुदा की डर पे
तू भी सौदागर के हाथों नीलाम हो जाए।
गफलत
कुछ तबियत ही मिली थी ऐसी
चैन से जीने की सूरत न हुई ।
जिसको चाह उसे अपना न सके
जो मिला उस से मोहब्बत न हुई।
चैन से जीने की सूरत न हुई ।
जिसको चाह उसे अपना न सके
जो मिला उस से मोहब्बत न हुई।
वो यादें
कुछ अपने थे कुछ सपने थे
कुछ पहचाने से कुछ अनजाने थे
वक्त की दौड़ में वो सब
जाने कहाँ खो गए।
सब कुछ अपना था कुछ देर पहले
आज हम इतने बेगाने से हो गए।
तन्हाई से बातें करना अच्छा लगता था
तन्हाई भी साथ नही अब तो
जाने इतने तनहा कैसे हो गए।
सब कुछ तो है पहले जैसा पर
वो लम्हे जो खुशी दिया करते थे
जाने कहाँ बनकर खुशबू फिजाओं में खो गए।
ढूंढती है आँखें मेरी फिर वही मंज़र
वो सपने वो यादें, वो रेत और समंदर
कहीं नज़र नही आते वो पल, वो सामान
लगता है जैसे की वो कंही धुआं हो गए...
कुछ पहचाने से कुछ अनजाने थे
वक्त की दौड़ में वो सब
जाने कहाँ खो गए।
सब कुछ अपना था कुछ देर पहले
आज हम इतने बेगाने से हो गए।
तन्हाई से बातें करना अच्छा लगता था
तन्हाई भी साथ नही अब तो
जाने इतने तनहा कैसे हो गए।
सब कुछ तो है पहले जैसा पर
वो लम्हे जो खुशी दिया करते थे
जाने कहाँ बनकर खुशबू फिजाओं में खो गए।
ढूंढती है आँखें मेरी फिर वही मंज़र
वो सपने वो यादें, वो रेत और समंदर
कहीं नज़र नही आते वो पल, वो सामान
लगता है जैसे की वो कंही धुआं हो गए...
दर्द को भी दर्द
दर्द को भी दर्द होने लगा,
दर्द मेरा घाव धोने लगा
दर्द के मारे न हम रोये कभी
दर्द हमें देखके रोने लगा।
Monday, November 17, 2008
दर्द से दोस्ती
अब तो दर्द से दोस्ती हो गई यारों
ये जिंदगी बेदर्द हो गई यारों।
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा
दूर तलक तो रौशनी हो गई यारों॥
ये जिंदगी बेदर्द हो गई यारों।
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा
दूर तलक तो रौशनी हो गई यारों॥
Friday, November 7, 2008
अब तो जागो
धमाकों के तमाचों से आँखें तो खुली होंगी ,
गर अब भी न उठा हाथ तो ये बुजदिली होगी ।
चूहे बिल्ली का ये खेल आख़िर कब तक चलेगा ?
आज दहली है मुंबई कल खाक में दिल्ली होगी ।
है गफलत की उंघती सरकारें जागेंगी धमाकों ke शोर से
सियासतदानों की कुछ देर को महज कुर्सी हिली होगी ।
ज़ंग जरूरत है अमन की हिफाजत के लिए वरना
खिजां के साए तले सहमी चमन की हर कली होगी
"सौ सुनार की एक लोहार" की याद रहे 'कबीर'
जब हम लेंगे हिसाब तो हर चोट की वसूली होगी
Tuesday, November 4, 2008
Wednesday, October 22, 2008
Tree Houses
Tree Housesi would like fucking with a good & pretty girl in that treehouses . you can add me to my e mail
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