Tuesday, January 6, 2009

कैसे करे मोहब्बत

निशान वक्त कभी मिटते नही दिल से ,
कैसे करे मोहब्बत किसी गाफिल* से (Careless)

हमें यारों की महफिल रास आई,
फरेब करते रहे दोस्त वो मेरे फाजिल से

करते रहे गिला मुझसे हमसफ़र सभी,
गलती उनकी ये उम्मीद लगा बैठे जाहिल से

मुट्ठी में अश्कों की विरासत को लिए,
कब से लड़ते रहे अपने ही मुस्तकबिल* से (Future)

मैं ही नही जहान में अधुरा खुदा,
हर तरफ़ दिखते हैं लोग नाकामिल* से (Incomplete)

ख्वाब किसी अजनबी का करना जनाब तुम,
अपने भी कम नही, यहाँ किसी कातिल से

मैं तो लहर हूँ जिसे कहते हैं सच्चा प्यार,
टूट ही जाऊँगा, टकरा बेवफाई के साहिल से

तो कैसे कर ले मोहब्बत किसी गाफिल से ,
फरेब करते रहे दोस्त वो मेरे फाजिल से

चलते चलते
जलाते है बड़े शौक से दिलों में सच्चा प्यार,
एक दिन ख़तम हो जाता है इसका वजूद जल - जल के यार