Friday, June 5, 2009

वक्त गुजरता

वक्त गुजरता रहा पर साँसे थमी सी थी
मुस्कुरा रहे थे हम पर आंखों में नमी सी थी
साथ हमारे ये जहाँ था सारे
पर न जाने क्यों तुम्हारी कमी सी थी

ग़म में हँसनेवालों को कभी रुलाया नही जाता
लहरों से पानी को हटाया नही जाता
होने वाले हो जाते है ख़ुद ही दिल से अपने
किसी को कहकर अपना बनाया नही जाता

फूल से पहले खुसबू को तो देखो
करने से पहले काम को देखो
किसी के रूप में दीवाना न बनो
सूरत से पहले उसके दिल को भी देखो

अपने प्यार को छुपाना चाह पर छुपा न सके
दीवाने दिल पे काबू हम पा न सके
आज इतने करीब से गुजर गए वो
फिर भी उनका हाथ हम थाम न सके

इकरार में शब्दों की अहमियत नही होती
दिल के जज्बात की आवाज नही होती
आँखें बयान कर देती है दिल की दास्ताँ
मोहब्बत लफ्जो की मोहताज नही होती
गम की आहट न आए तेरे डर पर
प्यार के समुन्दर का तुम भी एक किनारा हो
भूल से जो टपके तेरी आंखों से मोटी
थामे वही जो तुम्हे सबसे प्यारा हो

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